Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2022 · 1 min read

बस तुम्हारी कमी खलती है

मुस्कुराते है लब
पर आंखों में नमी रहती हैं…
सब कुछ है मेरे पास
बस तुम्हारी कमी खलती है…
– कृष्ण सिंह

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 702 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार मंच भाग -7
विचार मंच भाग -7
डॉ० रोहित कौशिक
तुमने देखा ही नहीं
तुमने देखा ही नहीं
Surinder blackpen
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
Dr. ADITYA BHARTI
न जाने कहा‌ँ दोस्तों की महफीले‌ं खो गई ।
न जाने कहा‌ँ दोस्तों की महफीले‌ं खो गई ।
Yogendra Chaturwedi
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द
शब्द
लक्ष्मी सिंह
👗कैना👗
👗कैना👗
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
अरमान गिर पड़े थे राहों में
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कूड़े के ढेर में भी
कूड़े के ढेर में भी
Dr fauzia Naseem shad
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-162💐
💐प्रेम कौतुक-162💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
हमारा फ़र्ज
हमारा फ़र्ज
Rajni kapoor
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
पूर्वार्थ
प्रहार-2
प्रहार-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गर समझते हो अपने स्वदेश को अपना घर
गर समझते हो अपने स्वदेश को अपना घर
ओनिका सेतिया 'अनु '
राह तक रहे हैं नयना
राह तक रहे हैं नयना
Ashwani Kumar Jaiswal
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
Er. Sanjay Shrivastava
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
पंकज कुमार कर्ण
चंदा का अर्थशास्त्र
चंदा का अर्थशास्त्र
Dr. Pradeep Kumar Sharma
M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था
M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था
प्रेमदास वसु सुरेखा
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
Ravi Prakash
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
Loading...