आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
अक़ीदत से भरे इबादत के 30 दिनों के बाद मिले मसर्रत भरे मुक़द्द
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
ये आसमां ये दूर तलक सेहरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
💐प्रेम कौतुक-381💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ