Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2021 · 2 min read

प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !

प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !
“””””””””””””””””””””””””””””””””

जिसने दिखाई हो करतब ,
लगा दी हो अपनी जान !
जो भी हों शब्दों से विद्वान !
शब्दों को अलंकृत करके ,
जिसने डाल दिया हो….
नीरस शब्दों में भी प्राण !
उसे ही मिलना चाहिए ,
इस कठिन प्रतियोगिता का
सर्वोत्कृष्ट प्रथम स्थान !!

आज तो अंतिम दिन है !
चंद घंटे बचे हैं अंगुली पे ,
जिन साहित्य प्रेमियों के पास,
पास, पड़ोस, प्रकृति से
संचित किए गये दृश्यों ,
मन में उठ रहीं कल्पित
सुंदर, खूबसूरत सी उमरती,
भावनाओं को परिष्कृत कर
अपने सुंदर सुंदर अल्फ़ाजों में
सजाने की असीम शक्ति हो….

सदा रखे जो किसी विषय के
कथानक पर संकेंद्रित ध्यान !
जो अपने तूफानी शब्दों से….
ठहरे हुए वक्त में भी ला दे तूफान !
जिसने सफलतापूर्वक दिया हो,
अपने कार्यों को सदा ही अंजाम !
जिस सर्वमान्य छवि के ऊपर ,
जिनके उमरते शब्दों को पढ़कर….
हर कोई ही करे उसका गुणगान !
उस शख़्स को ही मिलना चाहिए ,
इस प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !!

जिसने शब्द,शब्द अपने गढ़कर….
मनगढ़ंत कहानियों में डूबकर….
पर्वत, पठार, वन, नदी, झरने,
झील, तालाब, सागर, महासागर,
उपवन, उद्यान, बाग, बगीचे में जाकर….
वहाॅं फूलों पे मंडरा रहे भंवरे को भगाकर….
झूमते फूल पत्तियों की कोमलता पे ,
और इन खूबसूरत सी वादियों में डूबकर,
उठती समंदर की लहरों से ठोकरें खाकर,
बर्फीली हवाओं से अठखेलियाॅं खेलकर,
हरेक जगह की मौसम का आनंद उठाकर ,
हर खूबसूरत दृश्यों से अनेक भाव चुराकर ,
अपने शब्दों से करता हो इन सबको प्रणाम !
लेखनी के दम पर मचाता हो जो घमासान !
हर कार्य अपने उथल-पुथल कर समर्पित भाव से ,
जिसने उत्कृष्ट रचनाएं लिखी हों सुबहो-शाम !
अमीरी, गरीबी, ऊॅंच-नीच का भेदभाव हटाकर ,
हर वर्ग के लोगों का समानता से जो करे उत्थान !
उसे ही मिलना चाहिए प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !!

_ स्वरचित एवं मौलिक ।

© अजित कुमार कर्ण ।
__ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : १५/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 1067 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
Vishal babu (vishu)
👰🏾‍♀कजरेली👰🏾‍♀
👰🏾‍♀कजरेली👰🏾‍♀
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
Ravi Prakash
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
2784. *पूर्णिका*
2784. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देशभक्ति का राग सुनो
देशभक्ति का राग सुनो
Sandeep Pande
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"संवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
DrLakshman Jha Parimal
नसीहत
नसीहत
Shivkumar Bilagrami
#मंगलकांनाएँ
#मंगलकांनाएँ
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे जीवन में सबसे
मेरे जीवन में सबसे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"दूल्हन का घूँघट"
Ekta chitrangini
बस जाओ मेरे मन में
बस जाओ मेरे मन में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रोत्साहन
प्रोत्साहन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
देशभक्त
देशभक्त
Shekhar Chandra Mitra
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
दो कदम
दो कदम
Dr fauzia Naseem shad
जंगल ये जंगल
जंगल ये जंगल
Dr. Mulla Adam Ali
मुझे     उम्मीद      है ए मेरे    दोस्त.   तुम.  कुछ कर जाओग
मुझे उम्मीद है ए मेरे दोस्त. तुम. कुछ कर जाओग
Anand.sharma
💐प्रेम कौतुक-516💐
💐प्रेम कौतुक-516💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
Loading...