Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2021 · 1 min read

पिरामिड कविता-राम राम करो (राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’)

पिरामिड कविता-राम राम करो


जौ का
हो रऔ
जनी मांस
इंसानियत
काय हो खौ रय
ईसुर सैं तो डरो,
उनै का जबाब दैहौ
कछु धरम तुम करौ
बुढ़ापे में तो शरम करौ
बांद कै पुटइयां नइं धरौ
तुमै जा माया किते खां लय जानै
अब अपन तनक आराम करौ
घरइ परै परै ही राम राम करौ।।
***

कवि- राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

Language: Hindi
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
"बन्दगी" हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Life
Life
C.K. Soni
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
Dr MusafiR BaithA
** सावन चला आया **
** सावन चला आया **
surenderpal vaidya
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
जख्म हरे सब हो गए,
जख्म हरे सब हो गए,
sushil sarna
तेरी मुस्कराहटों का राज क्या  है
तेरी मुस्कराहटों का राज क्या है
Anil Mishra Prahari
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Dating Affirmations:
Dating Affirmations:
पूर्वार्थ
जिन्हें बुज़ुर्गों की बात
जिन्हें बुज़ुर्गों की बात
*Author प्रणय प्रभात*
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
पाँच सितारा, डूबा तारा
पाँच सितारा, डूबा तारा
Manju Singh
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
दर्द का बस एक
दर्द का बस एक
Dr fauzia Naseem shad
2642.पूर्णिका
2642.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
कवि रमेशराज
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Shyam Sundar Subramanian
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
Bus tumme hi khona chahti hu mai
Bus tumme hi khona chahti hu mai
Sakshi Tripathi
*सबसे अच्छा काम प्रदर्शन, धरना-जाम लगाना (हास्य गीत)*
*सबसे अच्छा काम प्रदर्शन, धरना-जाम लगाना (हास्य गीत)*
Ravi Prakash
बरकत का चूल्हा
बरकत का चूल्हा
Ritu Asooja
"तुम्हारे रहने से"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता: सजना है साजन के लिए
कविता: सजना है साजन के लिए
Rajesh Kumar Arjun
Loading...