Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2016 · 1 min read

पिपासा

न तृष्णा रही शेष ही आज कोई न है ब्रह्म को जानने की पिपासा
नहीं चाहता मोक्ष को भी सुनो मैं नहीं बन्ध कोई लगा है भला सा
नहीं चाहता सिद्धि विज्ञान वाली बुलाये भले ही मुझे आज नासा
सदा प्यास मैं झेलता ही रहा हूँ न जाने मुझे विश्व में कोई प्यासा
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

Language: Hindi
1 Like · 581 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2392.पूर्णिका
2392.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेटियां
बेटियां
Nanki Patre
💐प्रेम कौतुक-377💐
💐प्रेम कौतुक-377💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
हम रंगों से सजे है
हम रंगों से सजे है
'अशांत' शेखर
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मत फेर मुँह
मत फेर मुँह
Dr. Kishan tandon kranti
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
लतिका
लतिका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
प्रेम में कृष्ण का और कृष्ण से प्रेम का अपना अलग ही आनन्द है
प्रेम में कृष्ण का और कृष्ण से प्रेम का अपना अलग ही आनन्द है
Anand Kumar
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
Dr fauzia Naseem shad
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
Ravi Prakash
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
क्या कहना हिन्दी भाषा का
क्या कहना हिन्दी भाषा का
shabina. Naaz
चाय जैसा तलब हैं मेरा ,
चाय जैसा तलब हैं मेरा ,
Rohit yadav
#अबोध_जिज्ञासा
#अबोध_जिज्ञासा
*Author प्रणय प्रभात*
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
है प्यार तो जता दो
है प्यार तो जता दो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...