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4 May 2022 · 1 min read

पिता का प्यार

नहीं लगता मेरा डांटना तुझे अच्छा अब
नहीं भाता मेरा फिक्र करना तुझे
नही चाहिये तुझे अब रोका टोकी मेरी
कर नहीं सकता तेरे ज़माने जैसी बातें
नही आता मुझे परदेसी कपड़े पहनना
कर नहीं पाता हर इच्छा तेरी पूरी
नहीं दे सकता तेरे सुख की हर चीज
उम्मीद अब तुझे मुझसे कुछ नहीं है
मैं कौन हूँ यह बताने में शर्म तुझे थोड़ी आती है
मैं नहीं कहूंगा किसी से अपना सर्वस्य तुझे दिया है
तुझे देख देखकर जीता हूँ मेरे लाल
यह कहने में मुझे शरम नहीं है मेरे लाल
संसार में सबसे ज़्यादा प्यार करता हूँ तुझे

लेखक

प्रदीप कुमार नागरवाल
ग्राम पोस्ट बास्को है तहसील बस्सी जिला जयपुर

1 Like · 407 Views
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