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20 Apr 2022 · 1 min read

पिता का कंधा याद आता है।

थक कर जब चूर हो जाता हूं।
तो पिता का कंधा याद आता है।।1।।

संगति में जब बिगड़ जाता हूं।
तो पिता का गुस्सा याद आता है।।2।।

मुसीबत में जब फंस जाता हूं।
तो यूं रिश्ते में पिता याद आता है।।3।।

नींद ना आती जब बिस्तर में।
तो ये पिता बिछौना बन जाता है।।4।।

कोई ना हो जब संग खेलने में।
तो ये पिता खिलौना बन जाता है।।5।।

हर आंख में नमी आ जाती है।
पिता पुत्र से जब दूर हो जाता है।।6।।

खुशकिस्मत है वो पुत्र सभी।
जिनका पिता मित्र बन जाता है।।7।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

2 Likes · 2 Comments · 378 Views
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