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13 Jun 2022 · 1 min read

पत्थर के भगवान

पत्थर के भगवान

हथौड़े-छेनी की संगत से
गढ़ रहा था भाग्य और सम्मान
तराश रहा था मूर्तिकार
पत्थर से पत्थर के भगवान

पहले राह का रोड़ा था
ठोकर थी उसकी पहचान
सौभाग्य बन गया मूर्तिकार से मिलना
बन बैठा भगवान

मगर काफी दर्द सहा उसने
हर चीख भर रही थी उसमें जान
परमात्मा का प्रवेश हो रहा था उसमें
निखर रहे थे पत्थर के भगवान

रूप दिया रंग दिया
लगा दी पूरी जान
पत्थर समझ कर लाया था
बना दिया उसे भगवान

रचने वाले को रच रहा था
धरती का ही एक इंसान
तरह-तरह के सजे पड़े थे
पत्थर के भगवान

खरीदार खड़े थे सामने
मूल्य पर मचा घमासान
चंद पैसों में दे रहा था
सब कुछ देने वाले पत्थर के भगवान

खरीद रहा था कौड़ियों सा
पत्थर दिल इंसान
बिक रहे थे कौड़ियों के भाव
पत्थर के भगवान

3 Likes · 984 Views
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