Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2022 · 2 min read

नैतिकता और सेक्स संतुष्टि का रिलेशनशिप क्या है ?

सेक्स संतुष्टि के लिए नैतिकता की बात करना गलत है। जब आप अपना जीवन साथी खोजते हैं, उस समय आपको इन बातों का ध्यान देना होता है। आप अपने जीवनसाथी से सेक्स संतुष्टि को लेकर बातचीत करिए और किसी डॉक्टर से सलाह लीजिए। अगर आप अपने जीवन साथी से अपनी सेक्स संतुष्टि की बात नहीं करते हैं और कहीं बाहर अपनी सेक्स संतुष्टि खोज रहे हैं तो यह आपकी व्यक्तिगत समस्या है।

जब हम किसी रिश्ते से जुड़ते हैं तो तब नैतिकता की जिम्मेदारी हम दोनों की हो जाती है। यह कहना भी गलत होगा कि हर पुरुष अपनी सेक्स संतुष्टि के लिए इधर उधर मुंह मारता फिरता है। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि भारतीय महिला समाज ही नहीं बल्कि पुरुष समाज में भी सेक्स को लेकर जागरूकता बहुत कम है। इसका मुख्य कारण भारतीय परंपरा का पुरुष प्रधान होना है। हमने बचपन से ही पढ़ा है कि हमारे यहां के राजा महाराजाओं ने अनेक शादियां की। मगर हम उन चीजों को हंसते-हंसते स्वीकार करते हैं। कभी हमने अपनी संस्कृति और सभ्यता पर सवाल ही खड़े नहीं किए।

सेक्स संतुष्टि किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत भाव होता है। हम सिर्फ कुछ लोगों से सवाल पूछ कर आंकड़े दिखा दे यह सही नहीं है। भारतीय समाज में जब लड़का, लड़की शादी करते हैं तब वह जाति, धर्म, मजहब और धन देखते हैं। आप सोचेंगे की गुड़ भी मीठा और दही भी मीठा तो आप से बड़ा मूर्ख कोई नहीं होगा। आपको गुड़ और दही को मिलाकर खाने का प्रयास करना चाहिए। यानी जब आप शादी करे होते हैं तो आपको सेक्स से संबंधित बातों को भी स्पष्ट करना चाहिए।

अगर आपको लगता है कि आप अपनी सेक्स संतुष्टि को रोकर नैतिकता निभा रहे हैं तो इसका मतलब आप नैतिकता का अर्थ जानते ही नहीं है। सबसे पहले आपको नैतिकता का अर्थ जानना चाहिए और उसके बाद भारतीय संस्कृति को करीब से देखने की कोशिश करनी चाहिए। आजकल तो संविधान में भी कई प्रकार की छूट दे दी है। इसके बावजूद भी आप अपनी सेक्स संतुष्टि को नैतिकता कह रहे हैं तो शायद आप भारतीय संस्कृति की बेड़ियों में बंधे हुए हैं। आप ही की संस्कृति में एक स्त्री के पांच पति होने के भी सबूत है और तो और शादी से पहले बच्चा पैदा करने तक के भी सबूत मिलते हैं। इसके बावजूद भी अगर आप अपनी सेक्सी संतुष्टि को नैतिकता से जोड़ रहे हैं तो शायद आप सिर्फ आप अपने मन की पीड़ा लिख रहे हैं परन्तु आपके अंदर हिम्मत नहीं है किसी प्रकार का ठोस कदम उठाने की। अगर आप अपनी शादी के बंधन में सेक्स संतुष्टि नहीं पा पा रहे हैं तो आपके पास तलाक का ऑप्शन है। आप तलाक देकर अपनी सेक्स संतुष्टि कहीं दूसरी जगह तलाश सकते हैं।

लेखक- दीपक कोहली

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 925 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
तेरी खुशबू
तेरी खुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
■ बहुत हुई घिसी-पिटी दुआएं। कुछ नया भी बोलो ताकि प्रभु को भी
■ बहुत हुई घिसी-पिटी दुआएं। कुछ नया भी बोलो ताकि प्रभु को भी
*Author प्रणय प्रभात*
स्वयं की खोज कैसे करें
स्वयं की खोज कैसे करें
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
"नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
Rj Anand Prajapati
सच्ची दोस्ती -
सच्ची दोस्ती -
Raju Gajbhiye
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
আমি তোমাকে ভালোবাসি
আমি তোমাকে ভালোবাসি
Otteri Selvakumar
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
Love
Love
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
हर मंदिर में दीप जलेगा
हर मंदिर में दीप जलेगा
Ansh
बिछड़ा हो खुद से
बिछड़ा हो खुद से
Dr fauzia Naseem shad
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
'अशांत' शेखर
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
इक्कीस मनकों की माला हमने प्रभु चरणों में अर्पित की।
इक्कीस मनकों की माला हमने प्रभु चरणों में अर्पित की।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
यादों का झरोखा
यादों का झरोखा
Madhavi Srivastava
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
Umender kumar
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
Paras Nath Jha
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*वैराग्य के आठ दोहे*
*वैराग्य के आठ दोहे*
Ravi Prakash
माता शबरी
माता शबरी
SHAILESH MOHAN
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
जिंदगी भर हमारा साथ रहे जरूरी तो नहीं,
जिंदगी भर हमारा साथ रहे जरूरी तो नहीं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Loading...