*नेताजी : एक रहस्य* _(कुंडलिया)_
नेताजी : एक रहस्य (कुंडलिया)
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नेताजी का क्या हुआ ,अब तक जग अनजान
किसने माना मर गए , भारत – वीर महान
भारत – वीर महान , लापता – चिर कहलाते
तीन बने आयोग , किंतु संशय गहराते
कहते रवि कविराय , जीतकर सारी बाजी
छिपे धुँधलके – बीच , हिंद के प्रिय नेता जी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस 【 23 जनवरी 1897 – #18_अगस्त 1945 】भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शीर्षस्थ योद्धा थे । आपने आजाद हिंद फौज का गठन करके अंग्रेजों के विरुद्ध संगठित रूप से सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था । जय हिंद , दिल्ली चलो तथा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा– यह ऐसे लोकप्रिय नारे थे जो हर भारतीय की जुबान पर चढ़ गए थे । 21 अगस्त 1943 को आपने आजाद हिंद फौज के सेनापति के रूप में पहली स्वतंत्र भारत सरकार के गठन की घोषणा की ,जिसे जापान और जर्मनी सहित विश्व के 11 देशों ने मान्यता दी ।
#18_अगस्त_1945 को रहस्यमय परिस्थितियों में एक विमान दुर्घटना में ताइवान में आपकी मृत्यु की घोषणा बताई जाती है । किंतु देश भर में आपके असंख्य प्रशंसकों ने कभी भी आपकी मृत्यु के समाचार पर विश्वास नहीं किया । स्वतंत्रता के पश्चात भारत सरकार ने आप की मृत्यु के रहस्य पर खोज करने के लिए एक के बाद एक कुल तीन जाँच आयोग बिठाए। 1999 में मुखर्जी आयोग का गठन तीसरी बार हुआ। इसने जाँच करके वर्ष 2005 में अपना यह निष्कर्ष दिया कि 1945 में किसी भी विमान दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु का कोई सबूत नहीं है ।
1945 के बाद नेताजी का क्या हुआ ?- इसके बारे में एक सबसे बड़ा संदेह यह है कि वह रूस में गिरफ्तार हो कर रहे। नेताजी के लापता होने के बाद शौर्य के बल पर आजादी प्राप्त करने वाली सरकार के गठन की घोषणा पृष्ठभूमि में विलीन हो गई । देश में अनगिनत लोग आज भी 18 अगस्त 1945 को नेताजी की पुण्यतिथि के रूप में स्वीकार नहीं करते । वह इसे नेताजी के लापता होने की तिथि के रूप में ही देखते हैं। ( लेखक :रवि प्रकाश )