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12 Sep 2017 · 1 min read

नियति मार्ग मे पग पग पर है ठोकर लाती, कर्मवीर का धैर्य मगर है कहाँ डिगाती ।

नियति मार्ग मे पग पग पर है ठोकर लाती,
कर्मवीर का धैर्य मगर है
कहाँ डिगाती ।
जो राह बनाते सदा चीर प्रस्तर की कारा,
साहस से भय भूत सदा रहता है हारा,
लक्ष्य भेदने को जो प्रतिपल आगे बढते,
आगे बढ इतिहास प्रबलतम बे हैं गढते,
साहस, शील, सत्य संयम की जो हैं थाती,
नियति मार्ग मे पग पग पर है ठोकर लाती,
कर्मवीर का धैर्य मगर है कहाॅ डिगाती ।।
कर्मवीर की कर्मठता ही उसका धन है,
कर्मवीर को सदा नमन करता जन-जन है,
भाग्य स्वयं उसकी जीवटता से डरता है,
जो जीवन मे कर्मठता -वैभव भरता है,
क्रियाशीलता जव मूरत बन खुद ढल जाती,
नियति मार्ग मे पग-पग पर है ठोकर लाती,
कर्मवीर का धैर्य मगर है कहां डिगाती ।।

Language: Hindi
405 Views
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