Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2022 · 1 min read

नित हारती सरलता है।

जगती के उदधि में
विचारों की रज्जु से
उर मदराचल सा मथता है
तब अथक प्रयास से
नवनीत कुछ निकलता है ।

सूर्य सिर पर तप रहा
खार जल तन सह रहा
जलराशि से घिरे हुए
पर प्‍यास की विकलता है।

इस प्यास को सहन करते
रोज जीते रोज मरते
बस प्राण है सधे हुए
क्या विफल सफलता है ।

हृदय में विचलन बहुत
पर हास अधरों पर सजा
हम जो है वो हो न पाये
क्या अजब सबलता है ।

सब यज्ञ पूर्ण कर रहा
तन हवन में तप रहा
जीतते सब कुटिल मन
नित हारती सरलता है ।

Language: Hindi
358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
कभी
कभी
Ranjana Verma
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शुद्धता का नया पाठ / MUSAFIR BAITHA
शुद्धता का नया पाठ / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"आंधी आए अंधड़ आए पर्वत कब डर सकते हैं?
*Author प्रणय प्रभात*
वाणी वंदना
वाणी वंदना
Dr Archana Gupta
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
Harminder Kaur
ख़ाक हुए अरमान सभी,
ख़ाक हुए अरमान सभी,
Arvind trivedi
काश अभी बच्चा होता
काश अभी बच्चा होता
साहिल
अकेले हुए तो ये समझ आया
अकेले हुए तो ये समझ आया
Dheerja Sharma
*पहिए हैं हम दो प्रिये ,चलते अपनी चाल (कुंडलिया)*
*पहिए हैं हम दो प्रिये ,चलते अपनी चाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मन सीत मीत दिलवाली
मन सीत मीत दिलवाली
Seema gupta,Alwar
जन्म नही कर्म प्रधान
जन्म नही कर्म प्रधान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
Anil chobisa
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
स्कूल कॉलेज
स्कूल कॉलेज
RAKESH RAKESH
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
💐प्रेम कौतुक-157💐
💐प्रेम कौतुक-157💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2325.पूर्णिका
2325.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बुद्धि सबके पास है, चालाकी करनी है या
बुद्धि सबके पास है, चालाकी करनी है या
Shubham Pandey (S P)
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
Rj Anand Prajapati
जीनगी हो गइल कांट
जीनगी हो गइल कांट
Dhirendra Panchal
भूलकर चांद को
भूलकर चांद को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
** शिखर सम्मेलन **
** शिखर सम्मेलन **
surenderpal vaidya
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
Loading...