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14 Jun 2021 · 1 min read

नारी

नारी जननी देव की, औ पालक अवतार।
नारी पुजती है जहाँ, ईश्वर करे विहार।।
ईश्वर करे विहार, जहाँ अपमानित होती।
अश्रु बहाते देव, वहाँ मानवता रोती।।
कह प्रदीप कविराय, सकल जग है आभारी
प्रभु का है प्रतिबिम्ब, धरा पर जननी नारी।

-प्रदीप राजपूत ‘माहिर’

3 Likes · 2 Comments · 294 Views
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