Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2016 · 1 min read

नया दौर

फैशन की दोड मे सब आगे है
शायद यहीं नया दौर है
मम्मी पापा है परम्परावादी
मूल्यों की वे आधारशिला
वक्त ने बदला हैं उनको बेजोड़
पर मानस में है पुरानी सोच
शायद यहीं नया दौड़ है

भारतीय सभ्यता की है बेकद्री
पाश्चात्य सभ्यता को है ताली
पारलर सैलून खूब सजते
हजारों चेहरे यहाँ पूतते है
मेहनत के धन का दुरूपयोग है
बेबसियों का कैसा दौर है
शायद यहीं नया दौर है

बाला सुंदर सुंदर सजती है
मियाँ जी की कमाई बराबर करती है
टेन्शन खूब बढाती है
अपने को चाँद बना दिखलाती है
प्रिय प्राणेश्वर की दीवाणी है
हरदम न्यौछावर रहने वाली है
शायद यही नया दौर है

हिन्दी पर अंग्रेजी हावी है
भाषा बोलने में खराबी है
अंग्रेजी अपनी दासी है
हिन्दी कंजूसी सिखाती है
ना हम हिंदूस्तानी हैल

बाजार जब मैं जाती हूँ
मम्माओं को स्कर्ट शर्ट,जीन्स टॉप
पहना हुआ पाती हूँ
मम्मा बेटी में नहीं लगता अन्तर
बेटी से माँ का चेहरा
सुहाना है लगता
शायद यहीं नया दौर है

अंग्रेजी पढना शान है
हिन्दी से हानि है
नयी पीढ़ी यहीं समझती है
इसलिये हिन्दी अंग्रेजी गड़बड़ाती
नौनिहालों का बुरा हाल है
माँ को मॉम कहक
पिता को डैड कहकर
हिन्दुस्तान का सत्यानाश है
शायद यहीं नया दौर है

बुजुर्ग वृद्धाश्रम की आन है
घर में नवविवाहिता का राज है
मर्द भी भूल गया पावन चरणों को
जिनकी छाया में में बना विशाल वट है
संस्कृति , मूल्यों का ह्रास हो रहा
पाश्चात्य रंग सभी पर निखर रहा
शायद यही नया दौर है

डॉ मधु त्रिवेदी
आगरा

Language: Hindi
72 Likes · 486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
मेरी शक्ति
मेरी शक्ति
Dr.Priya Soni Khare
रक्षक या भक्षक
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
संगीत................... जीवन है
संगीत................... जीवन है
Neeraj Agarwal
" दूरियां"
Pushpraj Anant
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
........
........
शेखर सिंह
# नमस्कार .....
# नमस्कार .....
Chinta netam " मन "
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
Pratibha Pandey
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
gurudeenverma198
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
बाल कविता :भीगी बिल्ली
बाल कविता :भीगी बिल्ली
Ravi Prakash
'मौन का सन्देश'
'मौन का सन्देश'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
महाराष्ट्र का नया नाटक
महाराष्ट्र का नया नाटक
*Author प्रणय प्रभात*
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
केवट का भाग्य
केवट का भाग्य
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
भुलक्कड़ मामा
भुलक्कड़ मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तेरे ख़त
तेरे ख़त
Surinder blackpen
हिंदी का सम्मान
हिंदी का सम्मान
Arti Bhadauria
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
माँ ही हैं संसार
माँ ही हैं संसार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
मन की गति
मन की गति
Dr. Kishan tandon kranti
जर्जर है कानून व्यवस्था,
जर्जर है कानून व्यवस्था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...