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30 Jul 2016 · 1 min read

तुम

तुम प्रेम के मीठे अहसास में
भक्ति के तुम दुरूह मार्ग में
नहीं प्रयास से सकता तुमको
तुम समर्पण के सरल भाव में

कर्मयोगी परमहंस योगेश्वर
नीति निपुण तुम सर्व कलाधर
सर्वज्ञ सर्वश्रेष्ठ तुम सृष्टि स्वामी
अखण्ड सृष्टि के तुम अखिलेश्वर

भक्त तेरे रहें तुझे पुकारे
रूप बना बना उसे निहारें
सत्यम शिवम् तुम्हीं हो सुंदर
कैसे अब हम तेरे चरण पखारें

Language: Hindi
11 Likes · 3 Comments · 629 Views
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