Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2021 · 2 min read

जय जगजननी ! मातु भवानी(भगवती गीत)

जय जगजननी ! मातु भवानी…
(भगवती गीत)

जय जगजननी! मातु भवानी,
दया करु माँ कृपा करु,
लियऽ हमरा अपन शरण में,
आब नै सोच विचार करु।

जन्म-जन्म कऽ पाप हरु माँ
तन मन निर्मल भ जायऽ ,
सदिखन रहय मन,अहींक चरण में,
हमरा में एहन भाव भरु ।

जय जगजननी! मातु भवानी…

विपदा सभ में अचल रहय मन,
हर क्षण अहींक ध्यान रहय,
बीत रहल अछि जीवनकै क्षण सब,
आब तनिक नऽ विलंब करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

ई जग झूठा पल-पल हमरा,
भ्रमजाल में घेरैइ या,
ब्रह्मपिशाच जकरल अछि हमरा,
अहीं एकरा सऽ मुक्त करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

सत्य,सनातन,सुंदरि सपना,
जीवन कऽ आनंद बनै ,
सत्कर्म में बीतै जीवन,
एहन कृपा प्रदान करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

दऽ दिअऽ हमरा अविरल भक्ति,
नित्य बहऽ अश्रुधारा,
नित्य अहींक दरसन हो माँ ,
एहन श्रद्धा प्रदान करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

पर्वत शिखरि हिमालय जेहन,
हमर दृढ़ विश्वास रहय,
मन भरमै नऽ आशंका मे,
किछु तऽ अहां निदान करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

जे रिपु ने हमरा,एहेन सतैलक,
ओकरा अहां वशीभूत करु,
दिशाभ्रम ने होय,आब हमरा,
एहन शक्ति प्रदान करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

सद्गुरु के कृपा हमरा पर,
सदिखन एहिना बनल रहय
मोहपाश में फँसु नै आब हम,
एहन दिव्य प्रकाश करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

भूल कोनो ज होय अनजाने में
तत्क्षणि ओकरा क्षमा करब,
अहांकऽ कीर्ति सदा रहै जग में
शीतल छत्र प्रदान करु।

जय जगजननी! मातु भवानी…

कहैय मनोज महामाया से,
हमरा सनि मूढ़ नहिं जग में,
तनिक कृपा भऽ जायत अहांकऽ,
तऽ भवसागर हम पार करी।

जय जगजननी! मातु भवानी…

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०६ /०९/२०२१
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
Tag: गीत
9 Likes · 20 Comments · 2458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
Acharya Rama Nand Mandal
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
The_dk_poetry
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रोजगार रोटी मिले,मिले स्नेह सम्मान।
रोजगार रोटी मिले,मिले स्नेह सम्मान।
विमला महरिया मौज
■ मंगलमय हो प्राकट्य दिवस
■ मंगलमय हो प्राकट्य दिवस
*Author प्रणय प्रभात*
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
Paras Nath Jha
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
हर पति परमेश्वर नही होता
हर पति परमेश्वर नही होता
Kavita Chouhan
"दीदार"
Dr. Kishan tandon kranti
मरने से
मरने से
Dr fauzia Naseem shad
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
शेर
शेर
Monika Verma
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
Ravi Prakash
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
" छोटा सिक्का"
Dr Meenu Poonia
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
लक्ष्मी सिंह
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पारख पूर्ण प्रणेता
पारख पूर्ण प्रणेता
प्रेमदास वसु सुरेखा
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
तू प्रतीक है समृद्धि की
तू प्रतीक है समृद्धि की
gurudeenverma198
देश प्रेम
देश प्रेम
Dr Parveen Thakur
एक नेता
एक नेता
पंकज कुमार कर्ण
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
Loading...