Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2016 · 1 min read

गीतिका/ग़ज़ल

एक गीतिका……
काफिया- अर, रदीफ़- जाते ,
वज्न- 1222 1222 1222 1222
गीतिका
बहुत अब हो गई बातें, बहुत अरमान हर रातें
विवसता ले कदम चलते, खुशी बरबाद कर जाते
यही कहता रहा दुश्मन, कि दामन पाक है उसका
मगर उसके महकमे ही, दुसह अपराध कर जाते॥
कहूँ कितना दिखाऊँ क्या, छुपी नापाक हरकत को
वतन के नाम पर हल्ला, नियति बदनाम कर जाते॥
मदरसे में रखी पुस्तक, न खुद किरदार पढ़ पाती
मरहला खुद कहाँ लिखता, लहू अखबार भर जाते॥
असलहे हाथ से चलते, नकाबों से तनिक पूछो
न मुर्दा खुद हिला करते, कब्र में तर बतर जाते॥
रखें हम धैर्य का दरिया, पढ़ो तो खोलकर आंखे
खंजर पीठ पिछे दुश्मनी, कई इंसान मर जाते॥
सुन अब गौतमी चाहें, वतन के प्राण पर हमला
क्षमा हक ना मिले कातिल, करम निरवाण हर जाते॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

367 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
7. तेरी याद
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
"बदलते भारत की तस्वीर"
पंकज कुमार कर्ण
यथार्थ से दूर
यथार्थ से दूर "सेवटा की गाथा" आदर्श स्तम्भ
Er.Navaneet R Shandily
"लायक़" लोग अतीत की
*Author प्रणय प्रभात*
कौन सोचता बोलो तुम ही...
कौन सोचता बोलो तुम ही...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आओ हम मुहब्बत कर लें
आओ हम मुहब्बत कर लें
Shekhar Chandra Mitra
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
51-   प्रलय में भी…
51- प्रलय में भी…
Rambali Mishra
*अग्निवीर*
*अग्निवीर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
// दोहा ज्ञानगंगा //
// दोहा ज्ञानगंगा //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
Suryakant Dwivedi
*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*
*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*
Ravi Prakash
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
"कड़वा सच"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
प्यार समंदर
प्यार समंदर
Ramswaroop Dinkar
ये आँखों से बहते अश्क़
ये आँखों से बहते अश्क़
'अशांत' शेखर
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मोहब्बत।
मोहब्बत।
Taj Mohammad
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
होली गीत
होली गीत
Kanchan Khanna
3061.*पूर्णिका*
3061.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो मुकद्दर में न लिखा हो तेरे
जो मुकद्दर में न लिखा हो तेरे
Dr fauzia Naseem shad
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
Loading...