Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2016 · 1 min read

ग़मों की दुनियाा तलाश लोगे बुरा करोगे

ग़मों की दुनिया तलाश लोगे बुरा करोगे
सभी से ख़ुद को जुदा करोगे बुरा करोगे

बुरा करोगे जो चुप रहोगे ..दुखों पे अपने
किसी से मेरे सिवा कहोगे….. बुरा करोगे

ग़ज़ब करोगे मसल के फूलों को ऐडियों से
कि खुश्बुओं से………… गिला करोगे बुरा

गुरूब होने की ठान ली है जो दिल में तुमने
तुलूअ होने से भी ………..डरोगे बुरा करोगे

अगर मिलोगे किसी से सालिब सिवा हमारे
यक़ीन जानो बुरा करोगे ……….बुरा करोगे

379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
Ms.Ankit Halke jha
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
शासन हो तो ऐसा
शासन हो तो ऐसा
जय लगन कुमार हैप्पी
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
3240.*पूर्णिका*
3240.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
"बाजरे का जायका"
Dr Meenu Poonia
💐अज्ञात के प्रति-144💐
💐अज्ञात के प्रति-144💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
Rajesh vyas
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
Rj Anand Prajapati
चींटी रानी
चींटी रानी
Dr Archana Gupta
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
अधूरी
अधूरी
Naushaba Suriya
रिश्ते
रिश्ते
Ram Krishan Rastogi
विभीषण का दुःख
विभीषण का दुःख
Dr MusafiR BaithA
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हारी वजह से
तुम्हारी वजह से
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
Ajay Mishra
***
*** " पापा जी उन्हें भी कुछ समझाओ न...! " ***
VEDANTA PATEL
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...