गम के घूट
कभी तुममें, कभी हममे, यू खोया सा मै रहता..
कभी गम मे, कभी अहम मे भी खोया सा मै रहता //
ना जाने कैसे मै रहता, न जाने कैसे मै सहता,
ना जाने कैसे मै रोता, न जाने कैसे मै सोता //
यूँ आंसू ही निकले हर क्षण, ना जानो कैसे मै जीता,
तुफानो के बीच हू मै, न जानो कैसे गम के घूट मै पीता //