खुशनुमा ही रहे, जिंदगी दोस्तों।
गज़ल
212……212……212…..212
खुशनुमा ही रहे, जिंदगी दोस्तों।
हो न आंखों में, कोई नमी दोस्तों।
आप दौलत हैं, सबसे बड़ी दोस्तों।
क्या करेगी मेरा, मुफलिसी दोस्तों।
जिंदगी का चमन, यूं ही खिलता रहे,
झूमकर खिल उठे, हर कली दोस्तों।
आप हैं जिंदगी में तो है हर खुशी,
आप से जिंदगी है हॅंसी दोस्तों।
भक्त भगवान में जब हुई दोस्ती,
दोस्ती बन गई बंदगी दोस्तों।
आज इक दूसरे के दिलों में बसे,
एक दिन थे सभी अजनबी दोस्तों।
प्रेमी बंधन है ये जन्मों का आपसे,
यूं ही चलती रहे दोस्ती दोस्तों।
……..✍️ प्रेमी