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27 Jan 2017 · 1 min read

खलनायक नम्बर वन

नेता के अच्छे से चमचे, बस्ती के वो बाप है।
पाप कर रहे उनकी शै पर, कैसे होगा जाप है।।
ताप बढ़ा है बड़ा भयंकर, नापों अपने आप है।
सच्चाई के साथ में चलना, आज बना अभिशाप है।।
सूवर ने जब शोर मचाया, जग अँधियारा छाया है।
कुटिल को ही उसने तो, नैतिकता बतलाया है।।
अमन चैन का खाना पीना, पाखंडी का पेशा है।
बम बरसाता बस्ती पर, चेहरा दानव जैसा है।।
लूट खसौट कर पेट भरे, करता नँगा नाच है।
कोतवाल मौसेरा भाई, कौन करेगा जांच है।।
बड़े बड़े ज्ञानी को पानी, पिला रहा नालायक है।
नायक नं. वन बना, नं. वन खलनायक है।।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 328 Views
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