Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2016 · 1 min read

‘ देख जवानों की कुर्बानी’

देख जवानों की कुर्बानी
आज तिरंगा भी रोया है ।
जाग उठा जनमत भारत का
बीज एकता का बोया है ।
रोष है छाया अब लो बदला
शोर मचा है अब करो हमला ।
भावुक हर दिल हो रहा है
खून के आँसू रो रहा है ।
देश की संसद तुम भी जागो
दल दल के विरोध को त्यागो ।
एकमत होकर आदेश करो
जनमत का सब रोष हरो ।
बार बार यूँ खूनी हमला
जनता सह न पाएगी ,
आखिर कब तक दानवता से मानवता ,
अहिंसा के चोले में मुँह छिपाएगी ?
कितनी बलि दे दीं निर्दोषों की
कितनी और अभी देनी हैं ?
संसद बतला दो अब सेना को
क्या भूमिका उसे निभानी है ।
आदेश करो बदला लेने का
हड़पी भूमि भी अब ले डालो ,
अखंड करो फिर से भारत को
वीरता अपनी सजा डालो ।
देश के जवानों की वीरता
उनका सुंदर गहना है ,
मातृभूमि की रक्षा हेतु ही
उसको उन्होंने पहना है ।
कायरों के हाथों सोते हमले में
व्यर्थ न उसको जाने दो ,
मातृभूमि की रक्षा का सपना
उनका पूरा होने दो ।

डॉ रीता सिंह
एफ 11 फेज़ 6
आया नगर,नई दिल्ली ।

Language: Hindi
410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
goutam shaw
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
■ स्वयं पर संयम लाभप्रद।
■ स्वयं पर संयम लाभप्रद।
*Author प्रणय प्रभात*
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
Abhishek prabal
2649.पूर्णिका
2649.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
Mamta Singh Devaa
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
छोड़ दो
छोड़ दो
Pratibha Pandey
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नया सवेरा
नया सवेरा
नन्दलाल सुथार "राही"
"शहीद वीर नारायण सिंह"
Dr. Kishan tandon kranti
डरने कि क्या बात
डरने कि क्या बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रोटी की ख़ातिर जीना जी
रोटी की ख़ातिर जीना जी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Wakt ke pahredar
Wakt ke pahredar
Sakshi Tripathi
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
Sanjay Narayan
ज़िन्दगी तुमको ढूंढ ही लेगी
ज़िन्दगी तुमको ढूंढ ही लेगी
Dr fauzia Naseem shad
कहना नहीं तुम यह बात कल
कहना नहीं तुम यह बात कल
gurudeenverma198
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
जब तक लहू बहे रग- रग में
जब तक लहू बहे रग- रग में
शायर देव मेहरानियां
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
Maier Rajesh Kumar Yadav
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आज का श्रवण कुमार
आज का श्रवण कुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...