Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2018 · 2 min read

कर्तव्य

कर्तव्य
“कर्तव्य” शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है, जिन्हें करने के लिए हम नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होते हैं। इस शब्द से यह बोध होता है कि हम किसी कार्य को अपनी इच्छा, अनिच्छा या केवल बाह्य दबाव के कारण नहीं करते अपितु आंतरिक नैतिक प्ररेणा के कारण करते हैं। विषम परिस्थितयों में भी गंतव्य क़ी ओर बढ़ते जाना ही वास्तविक कर्म होता है।हमारी विशेषताएं जब स्वभाव का अंग हो जाती हैं तभी वो “गुण” कहलाती हैं। मनुष्य जीवन की स्थिरता एवं प्रगति का अस्तित्व एवं आधार शिला है, उसकी कर्तव्य परायणता। यदि हम अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ दें और निर्धारित कर्तव्यों की उपेक्षा करे तो फिर ऐसा गतिरोध हो जाय कि प्रगति एवं उपलब्धियों की बात तो दूर मनुष्य की तरह जीवन यापन कर सकना भी सम्भव न रहें।परिस्थितियों के अनुसार किसी को अपनाना या त्याग देना हमारा सबसे बड़ा अवगुण होता है।शीतलता चंदन का गुण है,जबकि चंदन वृक्ष पर सदैव विषैले सर्प लिपटे रहते हैं किंतु वह अपने सद्गुणों पर स्थिर रहता है तो हम मनुष्य सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना होते हुए भी अपने दैविक गुणों पर दृढ नही रह पाते, जिसे सृष्टि रचयिता ने बुद्धि विवेक से पुरस्कृत कर विशिष्ट बनाया है।कदाचित हम दोगलेपन में इतना रम गए हैं और यह समझने में असहज हैं कि आचार-विचार की शुद्धता ही जीवन का मुख्य उद्देश्य एवं उपलब्धि है।दया, परोपकार, क्षमा, साहचर्य और दान जैसे पंच तत्व हमारी रचना में ही समाहित हैं और उन पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनसे ये मानव शरीर निर्मित हुआ है।
वास्तव में मानवता ही नैतिकता का आधार है।सभी नैतिक मूल्य सत्य अहिंसा प्रेम सेवा शांति का मूल मानवता ही है।आत्मा के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। ईश्वर के प्रति भी। उन्हीं के कारण हमारा अस्तित्व है। आवश्यक है हम आत्मा की आवाज सुनें ओर परमात्मा द्वारा निर्धारित कर्तव्यों का पालन करते हुए मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रयत्नशील रहे।
-नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*अष्टभुजाधारी हमें, दो माता उपहार (कुंडलिया)*
*अष्टभुजाधारी हमें, दो माता उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
■ इकलखोरों के लिए अनमोल उपहार
■ इकलखोरों के लिए अनमोल उपहार "अकेलापन।"
*Author प्रणय प्रभात*
सच तो हम सभी होते हैं।
सच तो हम सभी होते हैं।
Neeraj Agarwal
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
बेहतर है गुमनाम रहूं,
बेहतर है गुमनाम रहूं,
Amit Pathak
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
Ranjeet kumar patre
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
💐प्रेम कौतुक-190💐
💐प्रेम कौतुक-190💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आहिस्ता चल
आहिस्ता चल
Dr.Priya Soni Khare
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
Anil chobisa
स्वागत है नवजात भतीजे
स्वागत है नवजात भतीजे
Pooja srijan
समझदारी का तो पूछिए ना जनाब,
समझदारी का तो पूछिए ना जनाब,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
माँ भारती वंदन
माँ भारती वंदन
Kanchan Khanna
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
जानो आयी है होली
जानो आयी है होली
Satish Srijan
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
gurudeenverma198
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
Neelam Sharma
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
जगदीश शर्मा सहज
★
पूर्वार्थ
#एकअबोधबालक
#एकअबोधबालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये उदास शाम
ये उदास शाम
shabina. Naaz
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
2353.पूर्णिका
2353.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का उपाय
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का उपाय
Shekhar Chandra Mitra
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh
"लेखनी"
Dr. Kishan tandon kranti
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
Loading...