Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2016 · 1 min read

“कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।” ——————–

नई दिल्ली में चल रहे
69वें निरंकारी संत समागम( 19-20-21नवंबर)में “सत्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज” को समर्पित कवि दरबार में शीर्षक

“कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।” ———————मेरी रचना———–

हँसमुख चेहरा,रूप नूरानी,प्यार भरी तेरी मुस्कानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———–

बिन तेरे अब मेरे सत्गुरु ,मेरे इस जीवन का मोल नहीं;
बिना रूह के प्राण अधूरे,तुम संग सजे मन अरमानों का।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।———-

रोम-रोम पुलकित हर जन का ,प्रेम स्नेह की धन- दौलत बख्शी;
नहीं जगत में कोई अपना ,बिन तेरे हम जैसे बेगानों का।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————

माटी की काया थी हमरी ,कंचन पारस तुम थे सत्गुरु;
भवसागर से पार उतारा,अनजान सफर हम अनजानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–

शरण “पूर्णिमा” सत्गुरु तेरी,अपने बचपन में ही आई है;
अपार अनंत असीम कृपा और आँगन सजा वरदानों का ।।
कर्ज चुकाया जा नहीं सकता,हरदेव तेरे एहसानों का।।——————–

…डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर(पंजाब)
20/11/16

1 Comment · 1906 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3047.*पूर्णिका*
3047.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
कवि अनिल कुमार पँचोली
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"कुछ अनकही"
Ekta chitrangini
सफ़र
सफ़र
Shyam Sundar Subramanian
श्री हरि भक्त ध्रुव
श्री हरि भक्त ध्रुव
जगदीश लववंशी
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
युवा भारत को जानो
युवा भारत को जानो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी का सवाल आया है।
जिंदगी का सवाल आया है।
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
वास्तविक ख़तरा किसे है?
वास्तविक ख़तरा किसे है?
Shekhar Chandra Mitra
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
Sanjay ' शून्य'
वह
वह
Lalit Singh thakur
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
*ध्यान  (कुंडलिया)*
*ध्यान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
एक दिन !
एक दिन !
Ranjana Verma
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
उत्तम देह
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्यूँ भागती हैं औरतें
क्यूँ भागती हैं औरतें
Pratibha Pandey
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वह एक वस्तु,
वह एक वस्तु,
Shweta Soni
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
💐अज्ञात के प्रति-89💐
💐अज्ञात के प्रति-89💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...