Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2022 · 1 min read

एक तस्वीर तुम्हारी

तुम्हारी एक तस्वीर ,
भेजी गई मुझको,
देखने के लिए रूपरेखा,
पसंद-न-पसंद का निर्णय करना,
कुछ सवालों का जवाब भी देना,
और देख मैं निहारता रहा,
स्तब्ध एहसास करता रहा,
क्या कहूंँ मैं अब,
सुंदर और गोरी काया को,
तस्वीर बस निहारता रहा,
कि एक पल में बोल उठी तुम,
मुझे नहीं पसंद हो आप,
हमें यूँ ही ना गौर से देखो,
हृदय हमारा धड़क रहा,
मीठी-मीठी बातें नहीं हुई तुमसे,
एक कप चाय नहीं पी हमसे ,
दूर से ही देखते रहेंगे मौन होकर ,
या गौर फरमाएंगे ,
मेरी अच्छाईयों पर भी ,
सुशील गुणवती भी हूँ,
आज के दौर की नारी हूँ,
सिर्फ सिंगार नहीं सजती,
घर परिवार और समाज में सहयोग करती हूँ,
विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान भी पाती ,
आप की भांँति मैं भी संतान हूँ,
कमियांँ तो इंसान में होती है ,
कुछ आप में हैं कुछ मुझमें भी ,
बात हृदय को समझने की है ,
ना कि माप-तौल करने की,
सहज प्रेम भाव से रिश्ता जोड़ने की है ,
पढ़ी लिखी शिक्षित नारी हूँ,
किसी का अधिकार नहीं है मुझमें ,
जीवन में भागीदारी समान है ,
अब ‘ हांँ ‘ कह दो ,
समझ आती हूंँ तो ,
अन्यथा बाद में मत कहना ,
रिश्ते की डोर जीवन भर का होता है ,
पसंद करना है तो हृदय को देखो ,
यूंँ ही तस्वीर को मत घूरो..।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
2440.पूर्णिका
2440.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ड्यूटी और संतुष्टि
ड्यूटी और संतुष्टि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
.*यादों के पन्ने.......
.*यादों के पन्ने.......
Naushaba Suriya
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
Ravi Prakash
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
Phool gufran
💐प्रेम कौतुक-232💐
💐प्रेम कौतुक-232💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
संघर्ष के बिना
संघर्ष के बिना
gurudeenverma198
"सच्चाई की ओर"
Dr. Kishan tandon kranti
6-
6- "अयोध्या का राम मंदिर"
Dayanand
बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
ओसमणी साहू 'ओश'
मां जैसा ज्ञान देते
मां जैसा ज्ञान देते
Harminder Kaur
दशमेश पिता, गोविंद गुरु
दशमेश पिता, गोविंद गुरु
Satish Srijan
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोस्ती
दोस्ती
Surya Barman
Life is a rain
Life is a rain
Ankita Patel
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
मिट्टी
मिट्टी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
If We Are Out Of Any Connecting Language.
If We Are Out Of Any Connecting Language.
Manisha Manjari
यहाँ तो मात -पिता
यहाँ तो मात -पिता
DrLakshman Jha Parimal
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
*Author प्रणय प्रभात*
ये
ये "परवाह" शब्द वो संजीवनी बूटी है
शेखर सिंह
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पैसा
पैसा
Sanjay ' शून्य'
Loading...