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6 Jun 2021 · 1 min read

एक गोरी नारी

एक गोरी नारी, तेज तर्रार,
तीखी आवाज,पतली कमर,
चलती मटक, नजरें सजग,
तेरी आवाज लगाती है,
कह-कह कर बुलाती है।

सिर पर रख,
घूंँघट से ढ़क,
गली-गली में जाती है,
दूर-दूर पुकारती है,
सब्जी वाली आई है।

बैगन तरकारी लाई है,
लाल टमाटर आलू प्याज,
धनियाँ संग स्वाद बना लो आज,
मिर्ची भिंडी लौकी कद्दू,
टोकरी में सजाई है।

मजबूरी के आड़े हूंँ ,
मेहनत के सहारे हूंँ ,
मोल-भाव मत करना अब,
तरकारी ये सारी है,
कितनी यह गुणकारी है।

सब्जी ले लो बाबू जी,
मंद-मंद बुलाती है,
दो पैसों की बात है,
सस्ती सब्जी अच्छी सब्जी,
कह कर यूँ रिझाती है।

#रचनाकार- बुद्ध प्रकाश

Language: Hindi
7 Likes · 772 Views
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