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16 Aug 2016 · 1 min read

ऊँचे चबूतरे पर…

ऊँचे चबूतरे पर जलता दीया
निचे रोशनी बिखेरना चाहता था
उन हवा के झोंके से बुझ गया
जो ऊँची ही चलती थी
ऊंचाई के अहसास के साथ
हवा यूँ ही बहती रही
पर दीया न जल पाया दुबारा
जो चाहता था निचे रोशनी
विखेरना…
ऊँचे चबूतरे पर जलता दिया।।

^^^^^^दिनेश शर्मा^^^^^

Language: Hindi
1 Like · 541 Views
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