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8 Jun 2022 · 1 min read

उसकी मासूमियत

उसकी मासूमियत पे हम दिल गंवा बैठे हैं
जिंदगी की फिक्र नहीं हम जाँ लूटा बैठे हैं
उसकी मासूमियत पे………..
रोज होता है दीदार उनका मगर फिर देखो
न जाने किसलिए दिल का चैन लूटा बैठे हैं
उसकी मासूमियत पे………..
उसको मालूम नही मोहब्बत हमारी शायद
खोए रहते हैं हरदम हम यूँ होंश लूटा बैठे हैं
उसकी मासूमियत पे…………
एकलखुबसूरत तस्वीर है वो मेरे ख्वाबों की
देखते रहते हैं उन्ही को हम नींद लूटा बैठे हैं
उसकी मासूमियत पे…………
“विनोद”कुछ तो जतन कर तूँ दिवानगी का
हिम्मत इजहार-ए-मोहब्बत की लूटा बैठे हैं
उसकी मासूमियत पे………….

3 Likes · 1 Comment · 592 Views
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