Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2016 · 1 min read

आसमान में बदरा छाये

आसमान में बदरा छाये
देख कृषक मन भी हरषाये

धरती माँ की प्यास बुझाने
फसलों के तन को सहलाने
बूंदों का संगीत सुनाने
रिमझिम रिमझिम जल बरसाये
आसमान में बदरा छाये

किस्मत अपनी भी बदलेगी
धरती अब सोना उगलेगी
मीठे मीठे प्यारे प्यारे
आँखों में आ स्वप्न सजाये
आसमान में बदरा छाये

क़र्ज़ किसानों पर है इतना
गिरवी तक घर उनका अपना
हरा भरा करके खेतों को
खुशियाँ ही खुशियाँ घर लाये
आसमान में बदरा छाये
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
Tag: गीत
227 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
gurudeenverma198
*शीत वसंत*
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
ईश्वर की कृपा
ईश्वर की कृपा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इन रावणों को कौन मारेगा?
इन रावणों को कौन मारेगा?
कवि रमेशराज
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
"रात का मिलन"
Ekta chitrangini
2702.*पूर्णिका*
2702.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-395💐
💐प्रेम कौतुक-395💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
आरुष का गिटार
आरुष का गिटार
shivanshi2011
लगी राम धुन हिया को
लगी राम धुन हिया को
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ईश्वर का जाल और मनुष्य
ईश्वर का जाल और मनुष्य
Dr MusafiR BaithA
"What comes easy won't last,
पूर्वार्थ
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
शेखर सिंह
तुम मन मंदिर में आ जाना
तुम मन मंदिर में आ जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
☀️ओज़☀️
☀️ओज़☀️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
थोड़ा सा मुस्करा दो
थोड़ा सा मुस्करा दो
Satish Srijan
*रहते परहित जो सदा, सौ-सौ उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*रहते परहित जो सदा, सौ-सौ उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जग में उदाहरण
जग में उदाहरण
Dr fauzia Naseem shad
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
आर.एस. 'प्रीतम'
भूल जा इस ज़माने को
भूल जा इस ज़माने को
Surinder blackpen
Dil toot jaayein chalega
Dil toot jaayein chalega
Prathmesh Yelne
Loading...