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12 Jul 2016 · 1 min read

अफवाह

हर तरफ सन्नाटा व्याप्त था | शहर के दीवारों और सड़कों पर लगे खून के निशान गुजरे तूफ़ान की कहानी बयान कर रहे थे | पुलिस और सेना के जवानों के बूटों की आवाज कानों में हथौड़े की तरह बज रही थी |

आज सुबह ही जाने कहाँ से शहर के नूरपुर मोहल्ले की मस्जिद और रघुपुरा मोहल्ले के मंदिर में मांस के टुकड़े पड़े होने की बात उठी थी और देखते ही देखते पूरा शहर जल उठा | टीवी पर समाचार आ रहे थे जो शहर में आज हुए दंगों की सच्चाई बयां कर रहे थे |

पत्रकार बता रही थी ये बात सबसे पहले सोशल मेसेजिंग एप्लीकेशन व्हाट्सएप से वायरल हुई और फिर फेसबुक ने तो जैसे आग में घी डालने का काम किया था | इसी घटना से मिलती जुलती खबरें और भी शहरों से आने लगी थी | दंगों का तूफ़ान अपने निशान छोड़ता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था | एक अफवाह से उठे तूफ़ान ने सैकड़ों घरों को वीरान कर दिया था |

“सन्दीप कुमार”
मौलिक और अप्रकाशित

Language: Hindi
556 Views
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