Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2016 · 1 min read

अगले जन्म की जमानत

रखे तू यादों में जिंदा ये इबादत है मेरी
यही यादें तेरे पास इक अमानत है मेरी
*****************************
ज़िंदा अल्फाजों में रहूँ या मै दिल में
यही अगले जन्म की जमानत है मेरी
*****************************
कपिल कुमार
25/08/2016

Language: Hindi
1 Like · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज के दौर
आज के दौर
$úDhÁ MãÚ₹Yá
परवरिश करने वाले को एहसास है ,
परवरिश करने वाले को एहसास है ,
Buddha Prakash
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कर्जमाफी
कर्जमाफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
डाकू आ सांसद फूलन देवी।
डाकू आ सांसद फूलन देवी।
Acharya Rama Nand Mandal
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
Shubham Pandey (S P)
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
Kanchan sarda Malu
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
ख़ामोश निगाहें
ख़ामोश निगाहें
Surinder blackpen
पेट भरता नहीं है बातों से
पेट भरता नहीं है बातों से
Dr fauzia Naseem shad
जितनी मेहनत
जितनी मेहनत
Shweta Soni
जमातों में पढ़ों कलमा,
जमातों में पढ़ों कलमा,
Satish Srijan
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
Radhakishan R. Mundhra
तेरी ख़ामोशी
तेरी ख़ामोशी
Anju ( Ojhal )
🇮🇳🇮🇳*
🇮🇳🇮🇳*"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳
Shashi kala vyas
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अकेले रहना"
Dr. Kishan tandon kranti
#कविता-
#कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
नेता के बोल
नेता के बोल
Aman Sinha
तू इतनी खूबसूरत है...
तू इतनी खूबसूरत है...
आकाश महेशपुरी
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
Pramila sultan
ये दिल।
ये दिल।
Taj Mohammad
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
कवि दीपक बवेजा
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
Loading...