Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2017 · 1 min read

II राजनीति स्वच्छ कैसे होगी II

राजनीति स्वच्छ कैसे होगी?

हम चुनते हैं अपना प्रतिनिधि ,
बहुमत का शासन बहुता भ्रष्टों की,
उन्हीं में से कोई आएगा चुना जाएगा,
राजनीति स्वच्छ कैसे होगी?

भ्रष्ट क्यों चुनेंगे ईमानदार को नेता,
यदि कोई स्वक्ष छवि का आ भी जाए ,
चोर अपना सरदार चोर या डाकू को ही तो चुनेंगे,
क्या उन्हें अपना प्रतिनिधि नहीं चाहिए ?

राजनीति स्वच्छ कैसे होगी ?

हम सारे ही यदि नैतिकता की पराकाष्ठा पर आ जाए,
दुनिया से सारी बुराइयां मिट जाएं,
देश शास्त्री,सुभाष,गांधी,विवेकानंद हो जाए ,
बुद्ध,महावीर,कबीर,हमारी रग-रग में बस जाएं,
है,यह असंभव सी बात, संभव कैसे होगी ?

राजनीति स्वच्छ कैसे होगी ?

सिर्फ एक विकल्प यह माना जाए,
कि अब भी ईमानदारी बहुतायत मैं जीवित है ,
उसको वोट में बदलने की जरूरत है ,
मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की जरूरत है ,
यदि कोई भी प्रत्याशी मानक पर खरा ना उतरे,
नोटा दबाने की जरूरत है,
राजनीति कुछ ऐसे ही स्वच्छ होगी II

वरना राजनीति स्वच्छ कैसे होगी ?

संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेशl

Language: Hindi
421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोदी जी का स्वच्छ भारत का जो सपना है
मोदी जी का स्वच्छ भारत का जो सपना है
gurudeenverma198
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Mukesh Kumar Sonkar
कर्म कभी माफ नहीं करता
कर्म कभी माफ नहीं करता
नूरफातिमा खातून नूरी
जहरीले धूप में (कविता )
जहरीले धूप में (कविता )
Ghanshyam Poddar
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
Seema gupta,Alwar
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
विमला महरिया मौज
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
2378.पूर्णिका
2378.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मन से भी तेज ( 3 of 25)
मन से भी तेज ( 3 of 25)
Kshma Urmila
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
कृष्णकांत गुर्जर
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
मच्छर दादा
मच्छर दादा
Dr Archana Gupta
बचपन के दिन
बचपन के दिन
Surinder blackpen
निश्चल छंद और विधाएँ
निश्चल छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
मां बाप के प्यार जैसा  कहीं कुछ और नहीं,
मां बाप के प्यार जैसा कहीं कुछ और नहीं,
Satish Srijan
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
#मेरा_जीवन-
#मेरा_जीवन-
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी
हिन्दी
Bodhisatva kastooriya
रास्ता दुर्गम राह कंटीली, कहीं शुष्क, कहीं गीली गीली
रास्ता दुर्गम राह कंटीली, कहीं शुष्क, कहीं गीली गीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"इच्छा"
Dr. Kishan tandon kranti
खुदकुशी से पहले
खुदकुशी से पहले
Shekhar Chandra Mitra
जय जय जगदम्बे
जय जय जगदम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
ख़त्म हुआ जो
ख़त्म हुआ जो
Dr fauzia Naseem shad
Loading...