Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2017 · 1 min read

II दिल के काबिल II

दिल के काबिल नहीं पर बिठाया उसे l
बुलंदियों से भी ऊपर उठाया उसे ll

मुझसे ही पूछता है वो पहचान अब l
नींव का एक पत्थर दिखाया उसे ll

मानता हूं वो रहबर रहा अजनबी l
बात सब राज की क्यों बताया उसे ll

कैसी तकरार है तुम भी आगे बढ़ो l
हार से जीत होती सिखाया उसे ll

फेल तू हो गया इम्तहा मे “सलिल” l
आइना जो मुकम्मल दिखाया उसे ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
#लघुकथा / आख़िरकार...
#लघुकथा / आख़िरकार...
*Author प्रणय प्रभात*
In the middle of the sunflower farm
In the middle of the sunflower farm
Sidhartha Mishra
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
सांवली हो इसलिए सुंदर हो
सांवली हो इसलिए सुंदर हो
Aman Kumar Holy
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
कोई किसी का कहां हुआ है
कोई किसी का कहां हुआ है
Dr fauzia Naseem shad
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऋण चुकाना है बलिदानों का
ऋण चुकाना है बलिदानों का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
देर हो जाती है अकसर
देर हो जाती है अकसर
Surinder blackpen
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
DrLakshman Jha Parimal
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
Bhut khilliya udwa  li khud ki gairo se ,
Bhut khilliya udwa li khud ki gairo se ,
Sakshi Tripathi
इक धुँधला चेहरा, कुछ धुंधली यादें।
इक धुँधला चेहरा, कुछ धुंधली यादें।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गुमान किस बात का
गुमान किस बात का
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
Ram Babu Mandal
मेरे स्वयं पर प्रयोग
मेरे स्वयं पर प्रयोग
Ms.Ankit Halke jha
वो सबके साथ आ रही थी
वो सबके साथ आ रही थी
Keshav kishor Kumar
"तेरी यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
अभागा
अभागा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सिंदूरी भावों के दीप
सिंदूरी भावों के दीप
Rashmi Sanjay
बच कर रहता था मैं निगाहों से
बच कर रहता था मैं निगाहों से
Shakil Alam
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-285💐
💐प्रेम कौतुक-285💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*पेड़ के बूढ़े पत्ते (कहानी)*
*पेड़ के बूढ़े पत्ते (कहानी)*
Ravi Prakash
एक बात तो,पक्की होती है मेरी,
एक बात तो,पक्की होती है मेरी,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...