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12 Sep 2017 · 1 min read

नमन साथियो। पहली कोशिश देखिये–

दिया दहलीज का क्यूं कांपता है
खुदाया दिल मेरा क्या बांचता है

नई तकनीक में कुछ खो गया है
खतों में कौन खुशबू डालता है

है फितरत में किसी के झूठ धोखा
अरे नादान उसे क्या आंकता है

एक और मतला

घड़ी है आखिरी क्या मांगता है
कफ़न की जेब में क्या जांचता है

पलक से बांध लेती ख्वाब तेरे
वफ़ाओं को क्यूं मेरी आंकता है

पलक से बांध लेती ख्वाब तेरे
वफ़ाओं को क्यूं मेरी आंकता है

पलक से बांध लेती ख्वाब तेरे
सरेआम तू उन्हें क्यूं बांटता है

गुज़रता काफ़िला जख्मों का दिल पे
हुआ छलनी उसे क्या सींचता है

दिया दहलीज का क्यूं कांपता है
ऐ रब दिल मेरा क्या बांचता है

अंतिम घड़ी है तू क्या मांगता है
कफ़न में न है जेब क्या जांचता है

1 Like · 353 Views
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