Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2017 · 1 min read

(43) अस्क सूखे हो तो गजल बनती है …..

अस्क सूखे हो तो गजल बनती है
आंख भीगी हो तो रहम मिलती है
कागज की कस्ती कब – तक तैरती
मासूम दिल को हो तो चोट ही मिलती है (अवनीश कुमार)

Language: Hindi
206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
ख़िराज-ए-अक़ीदत
ख़िराज-ए-अक़ीदत
Shekhar Chandra Mitra
सुवह है राधे शाम है राधे   मध्यम  भी राधे-राधे है
सुवह है राधे शाम है राधे मध्यम भी राधे-राधे है
Anand.sharma
सोच
सोच
Srishty Bansal
मानता हूँ हम लड़े थे कभी
मानता हूँ हम लड़े थे कभी
gurudeenverma198
माँ का अछोर आंचल / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अछोर आंचल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
*जितनी बार पढ़ोगे पुस्तक, नया अर्थ मिलता है (मुक्तक)*
*जितनी बार पढ़ोगे पुस्तक, नया अर्थ मिलता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कैसी पूजा फिर कैसी इबादत आपकी
कैसी पूजा फिर कैसी इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
बहुत गुमाँ है समुंदर को अपनी नमकीन जुबाँ का..!
बहुत गुमाँ है समुंदर को अपनी नमकीन जुबाँ का..!
'अशांत' शेखर
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
रात
रात
SHAMA PARVEEN
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
One fails forward toward success - Charles Kettering
One fails forward toward success - Charles Kettering
पूर्वार्थ
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
बँटवारे का दर्द
बँटवारे का दर्द
मनोज कर्ण
अधमी अंधकार ....
अधमी अंधकार ....
sushil sarna
चाहत
चाहत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
काले दिन ( समीक्षा)
काले दिन ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" वाई फाई में बसी सबकी जान "
Dr Meenu Poonia
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हालातों का असर
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
Shashi kala vyas
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
हिन्दी दोहा बिषय- तारे
हिन्दी दोहा बिषय- तारे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
2261.
2261.
Dr.Khedu Bharti
"नमक का खारापन"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...