मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
हे ईश्वर किसी की इतनी भी परीक्षा न लें
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
*नमस्तुभ्यं! नमस्तुभ्यं! रिपुदमन नमस्तुभ्यं!*
पृष्ठों पर बांँध से बांँधी गई नारी सरिता
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
बुद्ध की राह में चलने लगे ।
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
बेटा हिन्द का हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर