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23 Jun 2017 · 1 min read

??✍✍चल हक़ीकत से रु -ब-रु हो जा✍✍??

चल हक़ीकत से रू-ब-रु हो जा, अब जल्दी से शुरू हो जा।
इतना समय दिया खुदा ने सम्भलने के लिए, चल अब बे-आबरू हो जा।
चल हक़ीकत से रू-ब-रु हो जा…………….
इतना जीवन निकाल दिया बे-कदरी में, फिर भी हाथ क्या लगा।
थोड़ा याद कर अपने बुरे कामों को, जो तू ने किए थे।
माफ़ी माँग ले, अपने बुरे के लिए, न रह किसी गफ़लत में।
ख़ुद की न्यौछावर कर भलाई में, उस परमात्मा की जुस्तजू हो जा।
चल हक़ीकत से रू-ब-रु हो जा…………….
ऐसा समझ ले वीराना था, अब तक का सफ़र,
आँखें खुली अब तो मैं,उससे पहले जाता किधर,
निराशा छोड़कर लग जा, अच्छाई की ताकत इकठ्ठा करने में,
उसकी इबादत में जो मशगूल हैं उनसे मशविरा कर,
और फिर उसकी जुस्तजू में गुफ्तगू हो जा।
चल हक़ीकत से रू-ब-रु हो जा…………………
हर तरीके के लोग मिलेंगे ज़माने में, कुछ उसके रहनुमा होंगे,
ज़माने के संकट लदे हैं कुछ पर, उनमें कुछ बेगुनाह होंगें,
बेगुनाहों के लिए लड़ इस ज़माने में, जैसा ‘अभिषेक` है तेरा,
बेगुनाहों की बेगुनाही पर पर्दा डाल, रहते हैं बड़े सदमे में,
और फिर उनके ज़ख्मों पर रफू हो जा,चल हकीकत से रु-ब-रु हो जा।। ##अभिषेक पाराशर(9411931822)##

Language: Hindi
345 Views
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