??माँ माँ मेरे भाई??
??माँ माँ मेरे भाई??
माँ को मना रहे हो मेरे भाई,,
दुनिया को दिखा रहे हो मेरे भाई,,
एक माँ का बना पंडाल विशाल,,
एक को घर की परछाई मेरे भाई।।
एक माँ को मख़मल का गद्दा,,
एक को फटी चटाई मेरे भाई।।
एक माँ की भोर सुबेरे आरती,,
एक खबर न पूछाई मेरे भाई।।
एक माँ की शरण में शीश झुकाये,,
एक को धुत्कार लगाई मेरे भाई।।
एक माँ के जयकारे बोलो,,
एक तरफ न देखे मेरे भाई।।
एक माँ को मिश्री पेड़ा देवे,,
एक भूखी सोई मेरे भाई।।
बुरा न मानो दोनों को मनालो,,
क्या कम क्या ज्यादा मेरे भाई।।
मनु हाथ जोड़ के बोले,,
माँ रूप बराबर मेरे भाई।।
?�मानक लाल मनु,,,
?सरस्वती साहित्य परिसद सालीचौका रोड,,