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31 May 2017 · 1 min read

?माता-पिता?

?? मुक्तक ??
?बह्र – 1222 1222 1222 1222?
??????????

अभागे लोग होते हैं पिता-माँ को सताते हैं।
कभी भी चैन जीवन में न वे दिन-रात पाते हैं।
मुसीबत जान कर जो छोड़ आते हैं वृद्धाश्रम।
सदा औलाद के हाथों यही दुःख खुद उठाते हैं।

??????????
?तेज मथुरा?

Language: Hindi
259 Views
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