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3 Feb 2017 · 1 min read

⭐जाता हूँ?

⭐जाता हूँ?
जमाने का सारा रंजो गम कही भूल जाता हूँ।।
जब तेरी बाँहों में खुद एक पल झूल जाता हूँ।।

कोई शिकवा कोई शिकायत नहीं होती मेरे दिल में,
हँसता हूँ हँसाता हूँ अब हर एक को महफिल में,
बस ख़ुशी के गीत गाता हूँ।।

तेरे लवो की पहचान बनजाऊ,
हर सुकून तेरे दरमियां पाउ,
सामने देखकर तुझको मुस्कुराता हूँ।।

हर तमन्ना तेरी मेरे खाव का आधार लगती है,
एक तेरी ख़ुशी जीवन का स्वपन साकार करती है,
हा में हा तेरी हर बात कबूल जाता हूँ।।

मनु तेरे मन में रमना चाहता है,
तेरी खुश्बू में महकना चाहता है,
तुझे पाने के बाद हर कुछ भूल जाता हूँ।।
मानक लाल मनु।।।
सरस्वती साहित्य परिसद ।।।

Language: Hindi
246 Views
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