Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2016 · 1 min read

◆◆ हमेशा प्यार करेंगे ◆◆

■ मुक्तक ■
है प्यार मेरे यार ना इनकार करेंगे
करते हैं तुझे प्यार सदा प्यार करेंगे १

अब खोल दो यह राज सनम आज यहाँ पर
चेहरे में तेरे चाँद का दीदार करेंगे २

नितिन शर्मा

Language: Hindi
415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
*हमारे कन्हैया*
*हमारे कन्हैया*
Dr. Vaishali Verma
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
Pooja Singh
कितना लिखता जाऊँ ?
कितना लिखता जाऊँ ?
The_dk_poetry
दूसरों के कर्तव्यों का बोध कराने
दूसरों के कर्तव्यों का बोध कराने
Dr.Rashmi Mishra
थोड़ा सा मुस्करा दो
थोड़ा सा मुस्करा दो
Satish Srijan
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
Naushaba Suriya
खो गए हैं ये धूप के साये
खो गए हैं ये धूप के साये
Shweta Soni
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
"आत्मावलोकन"
Dr. Kishan tandon kranti
घर के मसले | Ghar Ke Masle | मुक्तक
घर के मसले | Ghar Ke Masle | मुक्तक
Damodar Virmal | दामोदर विरमाल
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
मानवता का
मानवता का
Dr fauzia Naseem shad
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कवि दीपक बवेजा
सुन्दरता।
सुन्दरता।
Anil Mishra Prahari
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#एहतियातन...
#एहतियातन...
*Author प्रणय प्रभात*
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
वाणी वंदना
वाणी वंदना
Dr Archana Gupta
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
Sampada
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
💐प्रेम कौतुक-205💐
💐प्रेम कौतुक-205💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
Loading...