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28 Feb 2017 · 1 min read

~•दिन तय है•~

बच्चों से प्यार करने का दिन तय है ..
फिर रोज सितम ढाओ……
बच्चों के काम न करने का बाल श्रमिक दिन तय है.. फिर नन्हें हाथों से रोज काम कराओ…
महिलाओं के सम्मान का दिन तय है..
फिर बेइज्जती पर उतर आओ….
नवरात्रों में कन्या पूजन करो..
फिर बच्चियों को हवस का शिकार बनाओ…
माता -पिता का दिन तय है तोहफे ले लो.
.. फिर फोन से हटकर आपसे बात हो जाए तो शुक्र मनाओ.मम्मी पापा सुनने को तरस जाओ…
शरा्द्ध के दिन तय हैं पण्डित को हल्वा पूरी रोज खिलाओ.. जब तक बुजुर्ग जिन्दा हैं उनको पानी को तरसाओ….
हिन्दी अपनाने का दिन तय है…..
फिर अंग्रेजी अपनाओ….
अपनी शादी में साड़ी लंहगा पहनना तय है……..
फिर विदेशी कल्चर अपनाओ
शहीदों को नमन करने का दिन तय है
उसके बाद भूल जाओ…..
देशभक्ति दिखाने का दिन तय है..
फिर देश को भी बेच खाओ….
और तो और प्यार करने का दिन भी तय है…
फिर नफ़रत निभाओ…..
सब कुछ करने के लिये दिन तय है
उस दिन वो काम करो फिर हमेशा के लिए भूल जाओ….
वाह ;वाह ;वाह भारत क्या किस्मत पायी है
यहाँ कुछ भी करने के लिए दिन तय करके बाकी के दिनों से पाबन्दी हटायी है… सही मायनों में स्वतंत्रता की परिभाषा भारत तूने ही अपनायी है
रागिनी गर्ग

Language: Hindi
2 Likes · 405 Views
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