Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2016 · 1 min read

ग़ज़ल- जैसे कोई अफसाना

ग़ज़ल- जैसे कोई अफसाना
●●●●●●●●●●●
तुमने कब ऐसा माना था
हम दोनोँ मेँ याराना था

याद नहीँ क्या तेरे पीछे
फिरता कोई दीवाना था

अपने ही जीवन से इतनी
दूरी ये किसने जाना था

भूल गये वे कसमेँ वादे
जैसे कोई अफसाना था

लाओगे ‘आकाश’ कहाँ से
नज़रोँ पे जो नजराना था

– आकाश महेशपुरी

321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
नींद
नींद
Kanchan Khanna
सच और झूँठ
सच और झूँठ
विजय कुमार अग्रवाल
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-325💐
💐प्रेम कौतुक-325💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"सुगर"
Dr. Kishan tandon kranti
Birthday wish
Birthday wish
Ankita Patel
अदब
अदब
Dr Parveen Thakur
66
66
*Author प्रणय प्रभात*
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
साहित्य गौरव
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
हाँ, मैं कवि हूँ
हाँ, मैं कवि हूँ
gurudeenverma198
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
The_dk_poetry
*खाओ जामुन खुश रहो ,कुदरत का वरदान* (कुंडलिया)
*खाओ जामुन खुश रहो ,कुदरत का वरदान* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
It is necessary to explore to learn from experience😍
It is necessary to explore to learn from experience😍
Sakshi Tripathi
काले समय का सवेरा ।
काले समय का सवेरा ।
Nishant prakhar
2409.पूर्णिका
2409.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
Sukoon
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
मिलना था तुमसे,
मिलना था तुमसे,
shambhavi Mishra
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...