Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2016 · 1 min read

ग़ज़ल।क्यों ज़मीं से आस्मां मिलता नही ।

ग़ज़ल।क्यों ज़मीं से आस्मां मिलता नही ।

दूरियों का जख़्म अब भरता नही ।
क्यों ज़मीं को आसमां मिलता नही ।।

ढल रही है उम्र बेसक बेखबर ।
चाह का सूरज कभी ढलता नही ।।

प्यार है ये प्यार की दुश्वारियां ।
प्यार में ईमान तो मरता नही ।।

हो रहा रुसवा तुम्हारे प्यार में ।
ख़्वाब अक़्सर रात में बुनता नही ।।

प्यार का मरहम खरीदा तुम करो ।
रंजिसों से घाव तो भरता नही ।।

बन रही है आँसुओं की झील इक ।
अश्क़ आँखों में कभी जलता नही ।।

गर्दिसों से दूर साहिल के लिए ।
आदमी खुदगर्ज़ है चलता नही ।।

एक पौधा तू लगा विश्वास का ।।
बेखुदी में प्यार तो पलता नही ।।

वक्त की है बंदिसे ‘रकमिश’ मग़र ।
प्यार का उठता धुँआ बुझता नही ।।

राम केश मिश्र’रकमिश’

1 Comment · 216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
औरत कमज़ोर कहां होती है
औरत कमज़ोर कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
Dr MusafiR BaithA
हुईं वो ग़ैर
हुईं वो ग़ैर
Shekhar Chandra Mitra
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
■ दोहे फागुन के...
■ दोहे फागुन के...
*Author प्रणय प्रभात*
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
कवि अनिल कुमार पँचोली
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"छछून्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
शांति तुम आ गई
शांति तुम आ गई
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
भोला-भाला गुड्डा
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
Dhriti Mishra
कलम के सिपाही
कलम के सिपाही
Pt. Brajesh Kumar Nayak
विधवा
विधवा
Acharya Rama Nand Mandal
तुम्हारा चश्मा
तुम्हारा चश्मा
Dr. Seema Varma
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
Trishika S Dhara
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
Vicky Purohit
पिता बनाम बाप
पिता बनाम बाप
Sandeep Pande
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
माँ
माँ
Arvina
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
Ravi Prakash
@घर में पेड़ पौधे@
@घर में पेड़ पौधे@
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
संजय कुमार संजू
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
Loading...