Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

होली पे कुछ नया

HAPPY HOLI
चलो इस बार होली पे कुछ अजब कुछ नया करते हैं,
नए कपडे न सही पुराने कपडे देकर ही किसी पर दया करते हैं,
माहौल में दुश्मनी बढ़ी है इस बार इतनी चुनावी विजय से,
चलो चलकर इसको दोस्ती में बदलने की दुआ करते हैं,
कोई रंग भी बदल सकता नहीं हमारी नापाक रंगत को
चलो इस बार अपनों से ही थोड़ी वफ़ा करते हैं,RASHMI SHUKLA

Language: Hindi
Tag: लेख
341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
■ आज का आह्वान
■ आज का आह्वान
*Author प्रणय प्रभात*
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
-- मुंह पर टीका करना --
-- मुंह पर टीका करना --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हक़ीक़त का आईना था
हक़ीक़त का आईना था
Dr fauzia Naseem shad
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
"एक बड़ा सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
"वचन देती हूँ"
Ekta chitrangini
दुनिया सारी मेरी माँ है
दुनिया सारी मेरी माँ है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
Saraswati Bajpai
दीप्ति
दीप्ति
Kavita Chouhan
💐प्रेम कौतुक-179💐
💐प्रेम कौतुक-179💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Sakshi Tripathi
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
वीज़ा के लिए इंतज़ार
वीज़ा के लिए इंतज़ार
Shekhar Chandra Mitra
छलावा
छलावा
Sushmita Singh
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
Neerja Sharma
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
Er.Navaneet R Shandily
" माँ का आँचल "
DESH RAJ
आग और पानी 🔥🌳
आग और पानी 🔥🌳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मृत्यु भय
मृत्यु भय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कश्मकश
कश्मकश
swati katiyar
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
पूर्वार्थ
2895.*पूर्णिका*
2895.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
Loading...