होली गीत
रंगबिरंगें फूलों जैसा,है त्योहार ये होली का।
प्यार सिखाए भेद भुलाके,ये त्योहार होली का।।
(1)
गाल गुलाबी,चाल शराबी,हाथ में ले पिचकारी।
रंग उड़ाएँ,नाचें गाएँ,छैल-छबीले मारें किलकारी।
ढोल-नगाड़े बजने लगे,आया त्योहार होली का।
प्यार सिखाए…………………।
(2)
जोकर बने हैं आज सभी,देख आए मुख पे हँसी।
काले-पीले,रंग-रंगीले,हो गए हैं,देखो रे! सभी।
प्यार ख़ुशी का है खज़ाना,ये त्योहार होली का।
प्यार सिखाए…………………।
(3)
इन्द्रधनुषी हो जाएं सारे,मिलजुल गाएं होली में।
भेदभाव की तोड़े दीवारें,भरलें प्यार बोली में।
बुराई पर अच्छाई की जीत,का त्योहार होली का।
प्यार सिखाए…………………।
(4)
देते हैं शुभकामनाएँ,फूलें-फलें”प्रीतम”यहाँ सभी।
गले मिलें,कभी न लड़े,फूल-ख़ुशबू से रहें सभी।
देता है संदेश यही,ये त्योहार.रे भाई!होली का।
प्यार सिखाए भेद भुलाके,ये त्योहार होली का।
रंगबिरंगे फूलों जैसा,है त्योहार ये होली का।
*************
*************
राधेयश्याम बंगालिया
प्रीतम…….कृत