Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2016 · 1 min read

हुस्न का रंग हम पर बरसने भी दो

हुस्न का रंग हम पर बरसने भी दो,
फूल खिलने से पहले बिखर जाए ना ।
प्यार के बादलों को बरसने भी दो,
ये मोहब्बत का मौसम गुजर जाए ना ।
हुस्न का रंग…………….
वो क्या मौसम थे अपने मिलन के सनम,
हम बुलाते जिधर तुम आ जाते उधर ।
अब वो मौसम नही वो मिलन भी नही ,
हम अकेले इधर तुम अकेले उधर ।
है खुदा से गुजारिश यही अब सनम,
हम मिलें रात को और सहर आए ना ।
हुस्न का रंग…………….
जब भी याद आई हमको तुम्हारी हँसी ,
हम भी हँसते रहे और हँसाते रहे ।
जब भी याद आए आँसू तुम्हारे हमें,
हम भी चुपके से आँसू बहाते रहे ।
कट सके जो सफर बिन तुम्हारे सनम,
मेरे जीवन में ऐसा सफर आए ना
हुस्न का रंग…………….
तुम को दिल के सिवा क्या करूँ मैं अता,
प्रेम ही मेरी पूँजी तुम्हे है पता ।
तुमको देखूँ तो पलके झपकती नही ,
दिल को कैसे सँभालें हमे दो बता ।
अब जुदाई के बारे में सोचो न तुम ,
यूँ ही हँसते हुए आँख भर आए ना ।
हुस्न का रंग…………….
By : मुकेश पाण्डेय

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
तुकबन्दी,
तुकबन्दी,
Satish Srijan
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" चर्चा चाय की "
Dr Meenu Poonia
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुझे देखने को करता है मन
तुझे देखने को करता है मन
Rituraj shivem verma
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"वो अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
जब -जब धड़कन को मिली,
जब -जब धड़कन को मिली,
sushil sarna
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
Jyoti Khari
तनावमुक्त
तनावमुक्त
Kanchan Khanna
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कह कोई ग़ज़ल
कह कोई ग़ज़ल
Shekhar Chandra Mitra
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जय लगन कुमार हैप्पी
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ एम है तो एम है।
■ एम है तो एम है।
*Author प्रणय प्रभात*
गुलाब
गुलाब
Prof Neelam Sangwan
व्यापार नहीं निवेश करें
व्यापार नहीं निवेश करें
Sanjay ' शून्य'
यादों के झरोखों से...
यादों के झरोखों से...
मनोज कर्ण
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विधवा
विधवा
Acharya Rama Nand Mandal
मौसम खराब है
मौसम खराब है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
Rj Anand Prajapati
Loading...