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13 Aug 2017 · 1 min read

हिन्द मेरा अभिमान

ये जो हिन्द भूमि है ,वो एक चलता फिरता राष्ट्रपुरुष है । इसके कण कण मे व्याप्त है मानस के नायक राम और गीता के कर्म योगी घनश्याम की छवि । जो समय समय पर सम्पूर्ण विश्व का पथ प्रदर्शन करती है । भारत की गरिमा और प्रेम भंगिमा इहलोक से परलोक तक कि यात्रा कराती है । हिन्द भूमि का ओज और तेज है शून्य से अंतरिक्ष तक कि यात्रा करना । भारत वर्ष मे आदिकाल से वर्तमान तक , एक और जहाँ वैज्ञानिक सिद्धांत और उनके अनुप्रयोगों से मानवीय जीवन को बुलंदियों तक पहुचाया गया है वही दूसरी और आध्यात्मिक विचारों से मानस पटल को गौरान्वित महसुस कराया गया है ।इतना ही नही विगत कुछ वर्षों मे विश्व के सामने उच्च आदर्श रखे गए है , चाहे वो सर्जीकल स्ट्राइक के रूप मे हो या मंगल भृमण के तौर पर ।

Language: Hindi
Tag: लेख
467 Views
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