Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2017 · 1 min read

***हिन्दी भारत की शान है***(कुछ मुक्तक)

हिन्दी दिवस पर कुछ मुक्तक बने, जो रह गए थे, जो निम्नवत हैं।
मुक्तक संख्या-01
संस्कृति का अवगाहन हिन्दी,भारत की शान है हिन्दी,
उद्यम और बलिदान है हिन्दी,साहस का संचार है हिन्दी,
क्रान्ति की आवाज है हिन्दी,प्रकृति का आवाहन हिन्दी,
हरिभजन का भाव है हिन्दी,सरगम का साज है हिन्दी ॥

मुक्तक संख्या-02
क्या भाषा क्या वेश हमारा हिन्दी ही बतलाती है,
अपने नैतिक अचरणों को हिन्दी ही बतलाती है,
क्या कभी विचार किया है ? हम हिन्दी के प्रति क्या कर पाते हैं,
थोड़ी सी शान के बदले,इंग्लिश को यूँ अपनाते हैं॥

मुक्तक संख्या-03
हिन्दी भारत की शान है, सब भाषन आधार,
जाके मुँह न आवती, कूप मंडूक समान,
कूप मंडूक समान, ज्ञान अधूरा रह जाता,
कितनी भी फेंके बाते, कुछ समझ न आता,
हिन्दी मुँह से निकले,मीठी वाणी के संग,
करती मन को ताजा, बरसाती है कवि रंग,
बरसाती है कवि रंग, मानुष मन को है भाती,
भोजपुरी का साथ पाय के, और भी रंग जमाती,
कह ‘अभिषेक’ कविराय, हिन्दी की महिमा जानो,
इंगलिश विंग्लिश छोड़ के, बस हिन्दी को मानो॥

Language: Hindi
438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ये दिल।
ये दिल।
Taj Mohammad
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr Shweta sood
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
Ms.Ankit Halke jha
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप (कुंडलिया)*
*पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
क़ायम कुछ इस तरह से
क़ायम कुछ इस तरह से
Dr fauzia Naseem shad
-- बेशर्मी बढ़ी --
-- बेशर्मी बढ़ी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
औरत की हँसी
औरत की हँसी
Dr MusafiR BaithA
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
हमें
हमें
sushil sarna
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Neelam Sharma
हर फ़साद की जड़
हर फ़साद की जड़
*Author प्रणय प्रभात*
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"बताया नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यूँ भागती हैं औरतें
क्यूँ भागती हैं औरतें
Pratibha Pandey
चुलबुली मौसम
चुलबुली मौसम
Anil "Aadarsh"
एक नयी रीत
एक नयी रीत
Harish Chandra Pande
तू होती तो
तू होती तो
Satish Srijan
छठ पूजा
छठ पूजा
Damini Narayan Singh
Loading...