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28 Aug 2016 · 1 min read

हिन्दी जन की बोली है (गीत)

हिन्दी जन की बोली है
हम सब की हमजोली है

खेत और खलिहान की बातें
अपने घर संसार की बातें
उत्तर-दक्षिण फर्क मिटाती
करती केवल प्यार की बातें ​

हर भाषा की सगी बहिनिया
यह सबकी मुँह बोली है

हिन्दी है पहचान हमारी
हमको दिलो जान सी प्यारी
हिन्दी अपनी माँ सी न्यारी
हिन्दी है अभिमान हमारी

हिन्दी अपने देश की धड़कन
अपने दिल की बोली है

आओ मिलकर ‘प्यार’ लिख दें
मन की उजली दीवारों पे
पानी का छींटा दे मारें
नफ़रत के जलते अंगारों पे

यही भावना घर-घर बाँटें
हिन्दी सखी-सहेली है

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Comment · 782 Views
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